"ज़मीन चीख़ उठी"

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"इश्क़ में हाल सभी का  यही तो होता है!  ख़ुशी तमाम मिले,  दिल को दर्द होता है!  भीगती रात भी एक  आग लगा देती है;  ज़मीन चीख़ उठी,  आसमान रोता है!!" ...

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